UAE: शारजाह पुलिस ने एक गिरोह को गिरफ्तार किया जो संगमरमर के पत्थरों के अंदर मादक पदार्थों (narcotics) की तस्करी करने की प्लानिंग की जा रही थी। लेकिन पुलिस ने एक ऑपरेशन के माध्यम से इनके प्लान की फेल कर दिया है। इस स्पेशल ऑपरेशन का नाम “the destructive stone” तीनों आरोपियों को देश के बाहर के डीलर निर्देशित कर रहे थे। आरोपी एशियाई राष्ट्रीयता के बताये जा रहे हैं आरोपियों ने 226 किलोग्राम से अधिक हशीश, मादक पदार्थों और मादक दवाओं की तस्करी करने और उन्हें देश के भीतर बढ़ावा देने और बेचने के उद्देश्य से संगमरमर के पत्थरों के अंदर छिपाने की योजना बनाई थी।
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पुलिस ने रखी कड़ी निगरानी
शारजाह पुलिस में एंटी-नारकोटिक्स विभाग के निदेशक कर्नल माजिद सुल्तान अल-असम ने खुलासा किया कि एक गिरोह हो सकता है, ऐसी जानकारी प्राप्त हुई थी, जिसका संचालन देश के बाहर के डीलरों द्वारा किया जाता था।
तदनुसार, Anti-Narcotics Department ने गिरोह के सदस्यों के बारे में पता लगाने के लिए, उनकी गतिविधियों की निगरानी करने और क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ड्रग तस्करी नेटवर्क (regional and international drug smuggling networks) से उनके कनेक्शन का पता लगाने के लिए अपने क्षेत्रीय अभियान शुरू किए।
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ऐसे पकड़े गये आरोपी
गिरोह ने कथित तौर पर अपरंपरागत तस्करी के तरीकों का इस्तेमाल किया। गैंग ने पुलिस की नज़रों से बचने के प्रयास में नशीले पदार्थों को संगमरमर के स्लैब के अंदर छिपा दिया था जिन्हें देश के बंदरगाहों पर भेज दिया गया था। हालाँकि, पुलिस इसके तलाश में थी और कड़ी निगरानी रखे हुए थे। जिसके चलते आरोपी पकड़े गए और योजना विफल हो गई।
शारजाह पुलिस के Deputy Commander-in-Chief मेजर जनरल अब्दुल्ला मुबारक बिन आमेर ने तस्करी और उन्हें बढ़ावा देने के उद्देश्य से संगमरमर के पत्थरों में नशीले पदार्थों को छिपाने की इस नई योजना को फेल करने में कार्य टीमों के प्रयासों और उनके प्रदर्शन की तारीफ़ की।
बता दें यूएई में इसके ख़िलाफ़ बेहद सख़्त क़ानून है। आरोपियों को ताम्र क़ैद की सज़ा या 50 हज़ार दिरहम तक के जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है।