UAE: भारत के उत्तर प्रदेश के बिजनौर के मंडावर कस्बे में उस वक्त मातम छा गया जब 28 वर्षीय शरीक, जो तीन महीने पहले ही दुबई में नौकरी करने गया था, का शव शुक्रवार को उसके घर पहुंचा। शरीक, जो दिव्यांग था, 20 दिसंबर को अपने काम से लौटने के बाद अचानक दिल का दौरा पड़ने से गिर पड़ा। उसे तुरंत दुबई के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
परिजनों ने किया अंतिम संस्कार
मौत के 28 दिन बाद शरीक का शव भारत लाया गया। शव पहुंचते ही परिवार और पूरे कस्बे में शोक की लहर दौड़ गई। परिवार ने बिना किसी पुलिस कार्रवाई के शरीक का अंतिम संस्कार कर दिया।
दिव्यांग शरीक के सपने
मंडावर के मौ बंजारान इलाके का रहने वाला शरीक दुबई में नौकरी करके अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने का सपना देख रहा था। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। शरीक की अचानक हुई मौत ने परिवार और इलाके के लोगों को गहरा सदमा दिया है।
कस्बे में शोक
शरीक की मौत की खबर से पूरे कस्बे में गम का माहौल है। लोगों ने परिवार को सांत्वना दी और शरीक के आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इस घटना ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि कैसे विदेश में नौकरी करने वाले कई मजदूरों के परिवार ऐसे दुखों का सामना करते हैं।