UAE: जब भारतीय रुपया कमजोर होता है, तो प्रवासी भारतीयों (NRI) के लिए अपनी मेहनत की कमाई को घर भेजना थोड़ा महंगा हो सकता है। लेकिन कुछ स्मार्ट रणनीतियों से आप इस स्थिति का बेहतर तरीके से प्रबंधन कर सकते हैं।
1. रेमिटेंस के लिए सही समय का इंतजार करें
मुद्रा विनिमय दर हर समय स्थिर नहीं रहती। रुपया और दिरहम के बीच विनिमय दर को करीब से ट्रैक करें और जब दर आपके पक्ष में हो, तभी पैसे ट्रांसफर करें।
- टिप: रेगुलर अलर्ट सेट करें ताकि आपको बेहतरीन दर के बारे में पता चल सके।
2. फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट का विकल्प चुनें
कुछ मनी ट्रांसफर सेवाएं “फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट” प्रदान करती हैं। इसका मतलब है कि आप वर्तमान विनिमय दर को लॉक कर सकते हैं और भविष्य में उस दर पर पैसे भेज सकते हैं, भले ही तब दर बदल गई हो।
3. रेमिटेंस प्रोवाइडर्स की तुलना करें
- हर मनी ट्रांसफर सेवा की फीस और विनिमय दर अलग हो सकती है।
- हमेशा तुलना करें कि कौन सा प्लेटफॉर्म (जैसे Western Union, MoneyGram, Wise या बैंक) सबसे बेहतर दर और न्यूनतम शुल्क दे रहा है।
4. छोटी राशि में बार-बार भेजने से बचें
बार-बार छोटे-छोटे धन भेजने की बजाय बड़ी राशि एक साथ भेजें। इससे फीस बचाई जा सकती है और अच्छे एक्सचेंज रेट का लाभ भी लिया जा सकता है।
5. डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करें
बैंकों के बजाय डिजिटल ट्रांसफर प्लेटफॉर्म जैसे Wise, Remitly, या Instarem का उपयोग करें। ये आमतौर पर बेहतर दरें और कम शुल्क प्रदान करते हैं।
6. भारत में रिसीव करने वाले के लिए सही बैंक चुनें
भारत में ऐसे बैंक चुनें जो विशेष एनआरआई खाते प्रदान करते हैं। ये खाते आमतौर पर उच्चतम ब्याज दर और आसान धन निकासी का विकल्प देते हैं।
7. फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें
अगर आप नियमित रूप से बड़ी रकम भेजते हैं, तो एक वित्तीय सलाहकार से सलाह लें। वे आपको बाजार के उतार-चढ़ाव के बीच सही फैसले लेने में मदद कर सकते हैं।
8. फेसबुक और एक्सचेंज अपडेट्स को फॉलो करें
यूएई और भारत की मुद्रा पर रोज़ाना अपडेट पाने के लिए स्थानीय मनी एक्सचेंज की वेबसाइट या सोशल मीडिया अकाउंट्स को फॉलो करें।
निष्कर्ष
रुपए के कमजोर होने पर घबराने की जरूरत नहीं है। सही समय पर और समझदारी से पैसे भेजने से आप अपनी बचत को बढ़ा सकते हैं। थोड़ी प्लानिंग और समझदारी से आप इस चुनौती का सामना कर सकते हैं।